जो तुम्हारी मीठी-मीठी बातों का सिलसिला यूं ही चलता रहा इसमें कोई शक नहीं है जो तुमसे मोहब्बत हो जाएगी मुझे इतना प्यार करो तुम्हारे और मेरे बीच की हर दूरियां मिट जाए अकेले में तनहा-तनहा सा रहते हैं
रहने दो मुझे हर बातें समझ में आ गई जो तुम्हारे बदले-बदले ख्यालात है उसमें कौन-कौन सा राज छुपायें हुई हो दिल की बेबसी को किस तरह बताएं मन बेचैन सा रहता है मुलाकातों के सिलसिले में इजाफा करो इस तरह किसी को सताना अच्छा नहीं होता